परिचय

वैदिक प्रेरणा हमारी भारतीय प्राचीन परम्पराओं, सिद्धांतो, चिन्तनों व व्यवहारों को एक नई रीति से प्रस्तुत करती है आज के इस नए विकास की ओर अग्रसर काल खंड में व्यक्ति यह चिन्तन रखता है कि मैं कम समय व अल्प पुरुषार्थ में अधिक उन्नति कैसे करूँ ? इस विशेष चिन्तन को ध्यान में रखते हुए इस प्रकल्प का प्रारम्भ किया है । यह प्रकल्प पूर्णतया आर्यभाषा हिन्दी में रखा गया है । इस राष्ट्रीय भाषा का उपयोग प्रत्येक जनमानस को सहजता से स्वीकार होता है एतदर्थ यहाँ किसी भी अन्य भाषा का समावेश नहीं रखा है । वर्तमान में तीन प्रकल्प प्रमुखता से प्रस्तुत किए गए हैं । 1- ई-गुरुकुलम्, 2- प्रतियोगिता, 3- पुस्तकालय इन तीनों ही प्रकल्पों में महर्षि महापुरुषो की कृतियों व उनके जीवन को प्रधानता से देखा गया है। इन प्रकल्पों में सभी आयुवर्ग के व्यक्ति भाग ले सकेंगे । इन प्रकल्पों में भी प्रधानता प्रतियोगिता को दी गई है। क्योंकि यह विधि व्यक्ति के ज्ञान की वृद्धि में उत्साह का विशेष कारण बनती है व जीवन की महत्वपूर्ण गतिविधियों में जैसे स्वाध्याय आदि में विशेष रुचि जगायेंगी । इन तीनों ही प्रकल्पों का परिचय स्व-स्व स्थान पर प्राप्त होगा। इस साइट पर यह भी प्रयास रहेगा कि यहाँ उपलब्ध सभी सभी पुस्तकें टैक्स्ट स्वरूप भी उपलब्ध हो जिसे आप सहजता से कॉपी पेस्ट भी कर सकें । वैदिक प्रेरणा वैदिक ज्ञान को सरलता व सहजता से प्राप्त कराने का सर्वोत्तम प्रयास करेंगी। आप सब इस कार्य को बढ़ाने के लिए इस वेबसाइट का अधिकाधिक प्रचार करके हमारा सहयोग करें। जो-जो वैदिक शिक्षा व सिद्धान्तों से वंचित रह जाते हैं उन-उन तक हम ज़रूर पहुँचे यह हमारा लक्ष्य है । यह प्रकल्प प्रत्येक जनमानस के लिए उपयोगी हो ऐसी सदिच्छा है।

उद्देश्य

वैदिक संस्कृति का संरक्षण व संवर्द्धन करने के लिए विभिन्न प्रकल्पों का आयोजन करना, साथ ही भारतीय संस्कृति,भारतीय प्राचीन उपयोगी इतिहास, पुस्तकालय, विभिन्न प्रतियोगिताएँ, प्रेरक संस्मरण, प्रेरणास्पद वीडियोलिंक, ऑनलाइन-ऑफ़लाइन कक्षाएँ, शैक्षणिक मनोरंजन, पाप-पुण्य, धर्म-अधर्म, उचित-अनुचित, अनुकूल-प्रतिकूल, ज्ञान-अज्ञान आदि विभिन्न व्यवहारों से ज्ञानचक्षु को उद्घाटित करके इस जीवन के उद्देश्य को लक्ष्य को स्पष्ट दिखाना वैदिक प्रेरणा का प्रमुख उद्देश्य है।

शुल्‍क व्‍यवस्‍था क्यों ?

जैसे की उपरोक्त उद्देश्य के प्रसंग में विविध कार्य बतायें उन सभी कार्यों के संचालन के लिए अनेक सामग्रियों की आवश्यकता रहती है व रखरखाव आदि में भी एक निश्चित समय पर एक बड़ा व्यय आता है, उसका निर्वहन इस रजिष्ट्रेशन के माध्यम से होता है। अन्य शेष बचत से कुछ व्यक्तिगत कार्य भी किए जाते हैं क्यों कि हमारा अपना समय व ऊर्जा इसमें भी व्यय होती है।

चल रहे कार्यों का परिचय

विभिन्न कक्षाओं का संचालन होता है जिसमें कुछ कक्षाएँ पूर्णतया निःशुल्क है व कुछ कक्षाएँ सशुल्क है । इसी प्रकार विभिन्न प्रतियोगिताओं का संचालन भी नियमित रूप से संचालित होता है । साथ ही ऑफ़लाइन के माध्यम से भी वैदिक संस्कृति के लिए विभिन्न कक्षाओं व गतिविधियों का संचालन भी होता है । अन्य अन्तर्जाल आदि के माध्यम से समाज को एक युक्तियुक्त सामग्री देने का श्रेष्ठ प्रयास किया जाता है । आगे की अन्य योजनाएँ भी आपके समक्ष आयेंगी ।

भावी योजनाएँ

  • प्रतियोगिता प्रतिदिन एक सत्र में आ सकें इसका प्रयास रहेगा ।
  • ई - गुरुकुल में अन्य सुयोग्य आचार्यों को जोड़ने के विषय में चिंतन चल रहा है।
  • यूट्यूब चैनल का भी विस्तार देना है। इसके लिए कुछ कार्यकर्ताओं की आवश्यकता रहेगी ।
  • कुछ आवश्यक व अत्यधि क प्रचलन की पुस्तकों का व्यवस्थी करण करना है।
  • ई - वैदिक पुस्तकालय की गुणवत्ता तैयार करनी है।
  • संस्कार प्रदान करने वाले चलचित्रों का लेखन आदि करना है ।
  • जहां कहीं से अधिक उपयोगी व प्रेरणात्मक वीडियो ऑडियो फ़ाइल सर्वत्र उपलब्ध हो सकें वैसी व्यवस्था करनी है।
  • रोचक तथ्य, सैद्धांतिक सामग्री वीडियो के रूप में प्रस्तुत करनी है।